क्यो कहिजे आपेश्वर महादेव
श्री आपेश्वर महादेव तीर्थ धाम , रामसीन-जालौर के सन्दर्भ मे बताया जाता हे !
कि 13 वी शताब्दी के अन्तगर्त , एक किसान अपने खेत मे हल चला रहा था ? हल चलाते चलाते हल रुक गया । फिर उस किसान ने वापिस हल को चलाया । फिर हल रुक गया । अजब प्रकार कि आकाशवाणी सुनकर वो किसान भयभीत हो गया । और डर के मारे किसान गाँव के ठाकुर सा के पास मेँ गया ? और अपनी आपबीती ठाकुर सा को बतायी ? ( फिर ठाकुर सा बोले - चल भाई रुपा थारा खेत मेँ ) ठाकुर सा के साथ साथ , किसान रुपा चौधरी और गाँव के लोगो के साथ खेत पर पहुचे . जहा हल रुका , वहा पर खुदाई शुरु कि गई . खुदाई मे भगवान श्री महादेव कि मुर्ति प्रकट हुई ! मुर्ति कि खुदाई से पहले किसान रुपा चौधरी के हल हलवाणी कि नोक से भगवान श्री महादेव के हाथ कि दौ अंगुलिया खण्डित होगयी . श्री महादेव ने कलबी जाति के रुपा चोधरीको श्राप दिया . गाँव मे एक भी चौधरी नही रहेन का आदेश दिया ( श्री महादेव ने वचन दिया था कि मुर्ति को बेलगाङी पर बिठाया जाये , जहाँ बेलगाङी रुके . वहां मेरा स्थान बनाया जायै) ।और बिना कहे बेलगाडी आपो आप रुक गयी ? बाद मे श्री महादेव का नाम : श्री आपेश्वर महादेव नामाकरण किया गया . जो आज नाम श्री आपेश्वर महादेव तीर्थ धाम , से प्रसिद्र है ?
जय श्री आपेश्र्वर महादेव
संयोजक -दशरथसिंह रामसीन
एडमिन -दिलीप सोलंकी
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